अब अन्ना की नहीं, आपकी परीक्षा है

अन्ना हज़ारे और जनरल वी के सिंह ने बनारस में छात्रों की एक बड़ी सभा को संबोधित किया. मोटे अनुमान के हिसाब से 40 से 60 हज़ार के बीच छात्र वहां उपस्थित थे. छात्रों ने जिस तन्मयता एवं उत्साह से जनरल वी के सिंह और अन्ना हज़ारे को सुना, उसने कई संभावनाओं के दरवाज़े खोल दिए. पर सबसे पहले यह देखना होगा कि आख़िर इतनी बड़ी संख्या में छात्र अन्ना हज़ारे और वी के सिंह को सुनने के लिए क्यों इकट्ठा हुए, क्या छात्रों को विभिन्न विचारों को सुनने में मज़ा आता है, क्या वे नेताओं के भाषणों को मनोरंजन मानते हैं, क्या छात्रों में जनरल वी के सिंह और अन्ना हज़ारे को लेकर ग्लैमरस क्रेज़ दिखाई दे रहा है या फिर छात्र किसी नई खोज में हैं? ये सवाल इसलिए दिमाग़ में पैदा होते हैं, क्योंकि छात्रों ने 1988-89 के बाद अब तक कोई बड़ा आंदोलन न देखा है, न किया है. जबकि इस बीच लगभग सभी राजनीतिक दल दिल्ली की सत्ता में हिस्सेदारी कर चुके हैं और आज भी किसी न किसी राज्य में सत्ता में हैं.

पूरा पढे