Press Release:

अन्ना कॉल सेंटर का शुभारंभ


आश्वासन बहुत हुए अब करेंगे या मरेंगेः अन्ना हज़ारे

 

रालेगण सिद्दीः 09 दिसंबर,2013. समाजसेवी श्री अन्ना हज़ारे ने अपने ग्राम रालेगण सिद्धी में 10 दिसंबर से शुरू होने वाले अनिश्चित कालीन अनशन के संबंध में प्रेस को संबोधित करते हुए अन्ना कॉल सेंटर का शुभारंभ किया. अन्ना जी कल से अपने गांव रालेगण सिद्धी के यादव बाबा मंदिर में जनलोकपाल बिल को पास करने की मांग को लेकर अनशन पर बैठ रहे हैं. फोन नंबर 09225223355 पर फोन करके आप अनशन के संबंध में विभिन्न विकल्पों के जरिए जानकारी प्राप्त कर सकते हैं. आप इस सुविधा के माध्यम से अनशन के दौरान अन्ना जी के भाषणों का सीधा प्रसारण भी सुन सकते हैं. यह सेवा बिग-वी टेलीकॉम की तरफ से मुफ्त में दी जा रही है.
अन्ना हजारे ने प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि अनशन का मुख्य उद्देश्य जनलोकपाल बिल को पास कराना है. संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा है और यह वर्तमान लोकसभा के कामकाज के लिए आखिरी सत्र है. रामलीला मैदान के अनशन के दौरान प्रधानमंत्री ने लिखित वादा किया था और अपने वादे से मुकर गए. अन्ना ने कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय केवल पत्र लिखकर आश्वासन देता है. कोई ठोस कार्रवाई नहीं करता है. आश्वासन बहुत हुए अब करेंगे या मरेंगे.
हमारे देश को भ्रष्टाचार का महारोग लगा हुआ है. देश के हालात बहुत खराब हैं. सरकार की आर्थिक नीतियों और भ्रष्टाचार की वजह से मंहगाई चरम पर है इस वजह से लोगों का जीना मुश्किल हो रहा है. लोगों में सरकार के प्रति गुस्सा है, जो कि कल घोषित हुए चार राज्यों के विधानसभा परिणामों से जाहिर हो गया है. हार के कई कारण होंगे लेकिन लोकपाल न लाना कांग्रेस की हार का एक मुख्य कारण है. इसके बाद भी सरकार की आंख नहीं खुल रही है. सरकार को अब लोगों की याद करनी चाहिए अगर शीतकालीन सत्र में भी बिल पास नहीं होता है तो नहीं तो आने वाले लोकसभा चुनाव में जनता उसे सबक सिखाएगी. उसे हाल में संपन्न विधानसभा चुनावों से भी ज्यादा गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे.
देश में हम संघर्ष करके सूचना का अधिकार कानून लेकर आए. जिसका फायदा लोगों को मिल रहा है. यह सरकार भी जानती है. लेकिन लोकपाल को लाने की सरकार की मंशा नहीं है. पिछली बार सरकार ने मुझे लिखित आश्वसान दिया इस वजह से मैंने अपना अनशन खत्म कर दिया था. मुझे नहीं मालूम था कि सरकार धोखाधड़ी करेगी. सरकार ने अपने लिखित आश्वासन का दो साल गुजरने के बाद भी पालन नहीं किया. प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी दोनों ने लोकपाल के पास करने के आश्वासन वाले कई पत्र भी लिखे लेकिन अब तक ऐसा नहीं हुआ है. लोकपाल के नहीं आने के लिए जितना जिम्मेदार सत्ता पक्ष है उतना ही विपक्ष भी है. दोनों ही भ्रष्टाचार मुक्त भारत का निर्माण नहीं होने देना चाहते हैं.
लोकपाल बिल लोकसभा में एक ही दिन में पास हो गया था. 23-11-2012 से लोकपाल बिल राज्यसभा में स्टैंडिंग कमेटी, सेलेक्ट कमेटी से पास होकर रखा हुआ है, केवल इस पर चर्चा होनी बाकी है लेकिन सरकार की उसे पास करने की मंशा नहीं है. दो साल गुजर गए हैं, अब सरकार के साथ बिल पर कोई चर्चा नहीं करेंगे. सरकार बार-बार जनता के साथ धोखा कर रही है. मेरे पास अनशन करने के अलावा और कोई रास्ता नहीं बचा है. स्वास्थय ठीक नहीं होने की वजह से ही मैंने अपने गांव में ही अनशन करने का निर्णय लिया है. जब तक लोकपाल बिल नहीं आएगा तब तक मेरा अनशन चलेगा.
सरकार अपने फायदे के लिए संसद सत्र को लंबा कर लेती है. सरकार को जनलोकपाल बिल इसी सत्र में पास करना होगा. जब वह दंगा बिल को इसी सत्र में पास करने के ले आतुर है, तो वह ऐसी ही इच्छा शक्ति लोकपाल बिल को पास करने के मामले में क्यों नहीं दिखा रही है.