प्रेस रिलीज
जनतंत्र मोर्चा ने अन्ना हजारे को जनतंत्र यात्रा के दौरान अपने जीवन का एक साल देने वाले कार्यकर्ताओं के लिए पहले प्रशिक्षण शिविर का आयोजन 09 से 12 जून के बीच ऋषिकेश के परमार्थ निकेतन में किया. हिमालय की गोद में बसे इस आश्रम में प्रशिक्षण लेने पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, मध्यप्रदेश समेत विभिन्न प्रदेशों के लगभग 250 चुने गए कार्यकर्ता पहुंचे. शिविर में कई महिलाएं भी शामिल थीं. इन कार्यकर्ताओं की मानसिकता को समझने के उद्देश्य से उन्हें शिविर में शामिल होने से पहले व्यवस्था परिवर्तन पर एक लेख लिखने के लिए कहा गया था. इस शिविर में उन लोगों को शामिल होने की अनुमति नहीं थी जो किसी राजनीतिक दल का सदस्य हो, धर्म और जाति के आधार पर लोगों में भेद करते हों और जो लोग अन्ना के विचारों से सहमत नहीं हैं.
09 जून को गंगा आरती के साथ दीप प्रज्जवलित कर प्रशिक्षण शिविर की औपचारिक शुरूआत की गई. 10 जून को अन्ना ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए प्रशिक्षण की शुरूआत की. प्रशिक्षण के पहले सत्र में डॉ मनीष कुमार ने कार्यकर्ताओं को बताया कि अन्ना का आंदोलन आजादी की दूसरी लड़ाई क्यों है ? आजादी की लड़ाई और व्यवस्था परिवर्तन की इस लड़ाई में क्या समानताएं हैं. इसे आजादी की दूसरी लड़ाई कहना क्यों सही है. उन्होंने बताया कि देश आज भी अंग्रेजों के बनाए उन्हीं कानूनों और दमनकारी नीतियों के भरोसे चल रहा है जिनका उपयोग अंग्रेजी हुकूमत देश पर राज करने और लोगों का शोषण करने के लिए करती थी. कैसे देश के राजनीतिज्ञों ने संविधान की भावना को दरकिनार करते हुए शासन किया जा रहा है. पहले दिन के दूसरे सत्र में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए चौथी दुनिया के प्रधान संपादक और अन्ना के सहयोगी संतोष भारतीय ने कहा कि देश के राजनीतिक दल संविधान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. किस तरह लोक कल्याणकारी राज्य की अवधारणा को दरकिनार कर दिया गया है. सरकारें व्यवसायिक घरानों के एजेंट की तरह काम कर रही हैं. दोनों सत्रों को दौरान कार्यकर्ताओं को छोटे छोटे गुटों में बांट दिया गया और उन्हें संबंधित विषयों पर विचार-विमर्श करने को कहा गया. इस दौरान अन्ना लोगों के बीच जाकर बैठ गए और उनके विचारों को गौर से सुना.
शिविर के तीसरे दिन दूसरे दिन कार्यकर्ताओं को जनतंत्र मोर्चा के नीति मसौदे और 25 सूत्रीय कार्यक्रम से रूबरू कराया गया. उन्हें एक एक बिंदु को देश में कैसे लागू किया जा सकता है. किस तरह एक साल के अंदर 25 सूत्रीय कार्यक्रम को लागू करके देश में संपूर्ण व्यवस्था परिवर्तन किया जा सकता है. इन कार्यक्रमों को लागू करके देश में व्यापक पैमाने पर सकारात्मक बदलाव किया जा सकता है. कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए अन्ना ने कहा कि संविधान में कहीं भी पार्टी शब्द का उपयोग नहीं है इसके बावजूद देश में पार्टी व्यवस्था लागू कर दी गई और आज इसी का दुष्परिणाम देश के 120 करोड़ लोगों को भुगतना पड़ रहा है. लोकतंत्र के मायने बदल दिए गए हैं जनप्रतिनिधि लोगों के प्रति कम और पार्टी के प्रति ज्यादा जवाबदेह हैं. देश में सच्चे लोकतंत्र की स्थापना के लिए वह प्रतिबद्ध हैं और इसके लिए वह जीवनभर संघर्ष करते रहेंगे.
अन्ना ने प्रशिक्षण शिविर के समापन के दौरान कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि कार्यकर्ता किसी भी आंदोलन की सबसे मजबूत इकाई होते हैं, कार्यकर्ता जितनी सही दिशा में कार्य करता है आंदोलन भी उतना मजबूत होता है. उन्होंने कार्यकर्ताओं को लोगों तक पहुंचने और ज्यादा से ज्यादा लोगों को जनतंत्र मोर्चा से जोड़ने को कहा ताकि जल्द से जल्द देश के 6 करोड़ लोगों को संगठित करने के लक्ष्य को पूरा किया जा सके.