प्रेस विज्ञप्ति
समाजसेवी अन्ना हज़ारे की अगुआई में जनतंत्र यात्रा का कारवां 14 अप्रैल, रविवार को उत्तर प्रदेश के अलीगढ़, डिबाई, अनूपशहर, ग्वान, संभल, हसनपुर, गजरौला और बृजघाट होते हुए गढ़मुक्तेश्वर पहुंचा. जिन इलाक़ों से जनतंत्र यात्रा का क़फिला गुजरा, वहां स्थानीय लोगों ने अन्ना हज़ारे और जनरल वीके सिंह का भव्य स्वागत किया.
ग़ौरतलब है कि अन्ना हज़ारे के साथ इस जनतंत्र यात्रा में पूर्व सेनाध्यक्ष प्रमुख जनरल वीके सिंह, वर्ल्ड सूफ़ी काउंसिल के चेयरमैन मौलाना सूफ़ी जिलानी कत्ताल और चौथी दुनिया के प्रधान संपादक संतोष भारतीय समेत हज़ारों लोग शामिल है. अन्ना हज़ारे ने जनतंत्र यात्रा के दौरान रविवार 14 अप्रैल को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय पहुंचे और वहां एएमयू के संस्थापक सर सैय्यद अहमद ख़ान की मज़ार पर श्रद्धांजलि अर्पित की. इस मौक़े पर उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में सर सैय्यद अहमद ख़ान की अहम भूमिका रही है. अन्ना ने उन्हें दूरदर्शी बताते हुए कहा कि मुसलमानों को आधुनिक शिक्षा मिले और वे समाज के साथ कदम में कदम मिलाकर चल सकें, इसी महान सोच के तहत उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की स्थापना की. अन्ना हज़ारे ने छात्रों और नौजवानों से सर सैय्यद अहमद ख़ान के व्यक्तित्व से प्रेरणा लेने की बात कही.
जनतंत्र यात्रा के क्रम में अन्ना हज़ारे डिबाई, अनूपशहर, संभल, हसनपुर, गजरौला, बृजघाट और गढ़मुक्तेश्वर पहुंचे. यहां कई जगहों पर स्थानीय लोगों ने अन्ना हज़ारे समेत सभी जनतंत्र यात्रियों का भव्य स्वागत किया. लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आज़ादी के साढ़े छह दशक बीत जाने के बाद भी देश की जनता कई बुनियादी समस्याओं से जूझ रही है. सरकार विकास की ऐसी नीतियां बना रही है, जिससे गांव टूट रहे हैं और यहां रहने वाले किसानों और आम लोगों के जीवन में कठिनाईयां बढ़ती जा रही हैं. अन्ना हज़ारे ने अपने संबोधन में कहा कि उनके जनतंत्र यात्रा का मक़सद देश के लोगों को जागरूक करना है. उन्होंने केंद्र सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि मौजूदा सरकार भ्रष्टाचार करने के मामले में नित्य नए कीर्तिमान स्थापित कर रही है. यही वजह है कि केंद्र सरकार सशक्त जनलोकपाल क़ानून बनाने से कतरा रही है. अन्ना के मुताबिक़, अगर जनलोकपाल क़ानून बन जाता है, तो संसद और विधानसभाओं में बैठे आधे सदस्य जेल में होंगे. उन्होंने अफ़सोस ज़ाहिर करते हुए कहा कि अमर शहीदों की कुर्बानियों को भ्रष्ट राजनेताओं ने मिट्टी में मिला दिया है, इसलिए अब जनता को संगठित और जागरूक होना पड़ेगा.
वहीं इस मौक़े पूर्व सेना अध्यक्ष जनरल वीके सिंह ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने जय जवान, जय किसान का नारा दिया था, लेकिन मौजूदा भ्रष्ट राजनीतिक व्यवस्था में देश के किसान और जवान की हालत सबसे ख़राब है. किसान अपने खून-पसीने की मेहनत से अन्न पैदा करता है, लेकिन फ़ायदा सेठ और साहूकारों को होता है. अन्नदाता किसानों की ज़िंदगी में कोई बड़ा परिवर्तन नहीं आया है. जनरल सिंह के अनुसार, राजनीतिक में जब नेताओं ता स्वार्थ हावी हो जाता है, तो राजनीति अनर्थकारी हो जाती है. इसलिए इस भ्रष्ट राजनीतिक व्यवस्था को बदलने का समय आ गया है.
वहीं इस मौक़े पर वर्ल्ड सूफ़ी काउंसिल के चेयरमैन मौलाना सूफ़ी जिलानी कत्ताल ने कहा कि सियासत जब अवाम विरोधी हो जाए, तो उसके ख़िलाफ़ तहरीक़ करना चाहिए. उन्होंने अन्ना हज़ारे की तारीफ़ करते हुए कहा कि हुकूमत की ग़लत नीतियों के ख़िलाफ़ उन्होंने जनतंत्र यात्रा निकाली है, जिसका मक़सद है मुल्क के लोगों को जगाना. अगर जनता अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हो जाती है, तो देश में एक नई शुरूआत हो सकती है.
उल्लेखनीय है कि अन्ना हज़ारे के नेतृत्व में शुरू इस जनतंत्र यात्रा में हज़ारों लोग शामिल हैं और उनकी यात्रा जिस रास्ते से गुजरती है, वहां हज़ारों की संख्या में लोग एकत्र होकर अन्ना हज़ारे का संबोधन सुनते हैं.