प्रेस रिलीज
समाजसेवी अन्ना हज़ारे और चौथी दुनिया के प्रधान संपादक संतोष भारतीय की अगुआई में चल रही जनतंत्र यात्रा बुधवार, 15 मई को उत्तराखंड के ब्रम्हखल और डूंडी के रास्ते उत्तरकाशी पहुंची. ग़ौरतलब है कि जनतंत्र यात्रा का यह तीसरा चरण है. प्रथम और द्वितीय चरण की सफलता के बाद अन्ना हजारे ने उत्तराखंड से अपनी यात्रा शुरू की है. ब्रम्हखल और डूंडी में जनसभाओं को संबोधित करते हुए अन्ना हजारे ने कहा कि उनकी यह यात्रा व्यवस्था परिवर्तन के लिए हो रही है, क्योंकि अंग्रेजों ने जितना इस देश को नहीं लूटा, उससे कहीं ज्यादा हमारे नेताओं ने देश की दुर्गति कर डाली. उनके अनुसार, मौजूदा राजनीतिक व्यवस्था में देश का हर तबका निराश और परेशान है. कहीं किसान आर्थिक परेशानियों की वजह से खुदकुशी कर रहे हैं, तो कही पढ़े-लिखे नौजवान बगैर नौकरी के अवसाद में जी रहे हैं. नौकरीपेशा से लेकर हर वर्ग इस व्यवस्था में त्राहि-त्राहि कर रहा है. अन्ना हजारे के मुताबिक, भारत में संविधान में कहीं भी पक्ष और पार्टी बनाने की बात दर्ज नहीं है, लेकिन आजादी के बाद इस देश में हजारों की संख्या में पार्टियां खड़ी हो गई, लेकिन जनता की समस्याएं खत्म नहीं हुई. अन्ना ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि भ्रष्टाचार के मुद्दे पर वह तनिक भी गंभीर नहीं है. यही वजह है कि जनलोकपाल क़ानून पारित करने के वचन से वह पीछे हट गई, क्योंकि सरकार को यह महसूस हो गया कि अगर यह क़ानून पास हो जाता है, तो उसकी गिरफ्त में नेता और अफसर ही आएंगे. अन्ना ने हुंकार भरते हुए कहा कि उन्हें देश के नौजवानों से खास उम्मीदें हैं, क्योंकि इतिहास गवाह है कि जब भी देश पर संकट आया है, तब युवाओं ने ही महत्वपूर्ण भागीदारी निभाई है. जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने लोगों से अपील किया कि सितंबर महीने के प्रथम सप्ताह में वे बड़ी संख्या में दिल्ली आएं, क्योंकि जनविरोधी केंद्र सरकार के खिलाफ़ जनसंसद का आयोजन किया जाएगा. उनके अनुसार, संसद और विधानसभाओं से बड़ी जनसंसद होती है, लेकिन भ्रष्ट राजनेता जनता की ताकत को भूल चुके हैं.
वहीं सभा को संबोधित करते हुए चौथी दुनिया के प्रधान संपादक संतोष भारतीय ने कहा कि मौजूदा केंद्र सरकार घोटाले करने में नित्य नए कीर्तिमान गढ़ रही है. सरकार की कारगुजारियों से देश की जनता परेशान है. उनके अनुसार, अन्ना हजारे को नौजवानों के रूप में सिपाहियों की जरूरत है, जो कम से कम देश के लिए एक साल का समय दे सकें. उन्होंने सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि देश किस दिशा की ओर बढ़ रही है, यह कोई नहीं जानता. जनता क्या चाहती है इससे नेताओं को कोई मतलब नहीं है. यही वजह है कि लोग अब सरकार के विरोध में खुलकर सामने आ रहे हैं. उल्लेखनीय है कि अन्ना हजारे की जनतंत्र यात्रा 31 मार्च से अमृतसर के जलियांवाला बाग़ से शुरू हुई थी. पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान से होते हुए उनकी यह यात्रा इन दिनों उत्तराखंड में है. प्रदेश के जिन इलाक़ों से अन्ना हजा़रे की जनतंत्र यात्रा गुजरती है, वहां हज़ारों की संख्या में लोग उनके पक्ष में नारे लगाते हैं.