प्रेस रिलीज
समाजसेवी अन्ना हज़ारे और चौथी दुनिया के प्रधान संपादक संतोष भारतीय जनतंत्र यात्रा पर हैं. पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में प्रथम चरण की यात्रा पूरी करने के बाद अन्ना की जनतंत्र यात्रा का दूसरा चरण राजस्थान में हुआ. इसके बाद अन्ना हजारे अपने तीसरे चरण की जनतंत्र यात्रा की शुरूआत 14 मई को उत्तराखंड के ऋषिकेश से की. उत्तराखंड की जनतंत्र यात्रा के सातवें दिन यानी 20 मई की शुरूआत अन्ना हजारे ने घाट से की जहां से नारायणबागड़, कुलसारी, ग्वालदम होते हुए कौसानी पहुंचे. यहां स्थानीय लोगों ने अन्ना हज़ारे और संतोष भारतीय का भव्य स्वागत किया. नारायण बागड़ में जनसभा को संबोधित करते हुए अन्ना ने कहा कि जनता मालिक है और नेता उसके नौकर हैं, लेकिन मालिक अपनी ताकत भूल गया है. उसे फिर से मालिक की भूमिका में आना होगा. जनता को अपनी ताकत का अहसास नहीं है. मौजूदा राजनीतिक व्यवस्था सड़ चूकी है. इस व्यवस्था में सुधार की नहीं बल्कि परिवतर्न की जरूरत है. व्यवस्था परिवर्तन से हीं जनता के दुख-दर्द को दूर किया जा सकता है..
अपने काफिले के साथ अन्ना हजारे कुलसारी पहुंचे जहां अन्ना हजारे संघर्ष करो, हम तुम्हारे साथ हैं, के नारों के साथ लोगों ने उनका भव्य स्वागत किया. अन्ना की एक झलक पाने के लिए लोग बेताव थे, माने उनके दुखों का निवारण अब अन्ना हीं कर सकते हैं. अन्ना हजारे ने भी जनता को निराश नहीं होने दिया. भारत माता की जय के साथ जब उन्होने जनता को संबोधित करना शुरू किया तो ऐसा लगा कि लोगों के बीच देशभक्ति की भावना उमड़ रहा है. अन्ना ने केंद्र सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि केंद्र सरकार सशक्त जन लोकपाल विधेयक पारित करने में गंभीर नहीं है. उन्होने कहा कि उनके साथ धोखा किया गया है. उन्हें एक मजबूत जनलोकपाल लाने का लिखित आश्वासन दिया गया था, लेकिन संसद में जिस तरह के लोकपाल पेश किया गया है, वह तो दंतहीन है. यह किसी भी तरह से भ्रष्टाचार को नहीं रोक पाएगा. उन्होनें कहा कि मैं यह नहीं कहता कि जनलोकपाल से पूरी तरह से भ्रष्टाचार समाप्त हो जाएगा लेकिन साठ प्रतिशत से अधिक भ्रष्टाचार जरूर समाप्त हो जाएगा. उन्होने न केवल सत्ता पक्ष को आड़े हाथों लिया बल्कि विपक्षी पार्टियों को भी धोखेबाज कहा. अन्ना ने वहां उपस्थित जनता को संबोधित करते हुए कहा कि इस संसद से बड़ी संसद होती है, जनसंसद इसलिए आप लोग सिंतबर महीने के पहले सप्ताह में दिल्ली के रामलीला मैदान में होने वाले जनसंसद आएं और अपनी ताकत दिखाएं ताकि इन राजनीतिक दलों को जनता की ताकत का अहसास हो सके.
कुलसारी के बाद अन्ना हजारे ग्वालदम पहुंचे जहां के लोग करीब दो घंटा से उनके आगमन का इंतजार कर रहे थे लेकिन उनके चेहरे पर थकान की सिकन नहीं थी. ऐसा लग रहा था कि लोगों को अगर पूरी रात भी इंतजार करना पड़े तो वे अपने जननेता को सुने बिना नहीं जाएंगे. अन्ना ने लोगों से कहा कि आपलोगों के इस प्यार से ही हमे ऊर्जा मिलती है और मैं 71 साल का युवा हो जाता हूं. उन्होनें लोगों को उनकी ताकत के बारे में बताया और भूमि अधिग्रहण के लिए ग्रामसभा की रजामंदी की अनिवार्यता की बात कही. उन्होने लोगों से सशक्त लोकपाल बनाने के लिए सहयोग करने को कहा तथा सितंबर महीने के पहले सप्ताह में दिल्ली में होने वाले जनसंसद में आने को कहा. उन्होने कहा कि एक बार फिर मय होगा रामलीला मैदान और हाथों में तिरंगा लिए होंगे आप. सरकार ने हमारे साथ धोखा किया है और इस बार हम धोखा नहीं खांयेगे. उन्होने कहा कि जब तक जिएंगे देश और समाज के लिए जिएंगे तथा मरेंगे तो देश और समाज के लिए मरेंगे.
वहीं दूसरी ओर जनतंत्र यात्रा में शामिल चौथी दुनिया के प्रधान संपादक संतोष भारतीय ने कहा कि इस जनतंत्र यात्रा का असल मक़सद है देश की जनता को जागरूक करना, ताकि आम जनता भ्रष्टाचार मुक्त भारत में चैन और सुकून की ज़िंदगी जी सकें. उनके अनुसार, जन लोकपाल विधेयक भ्रष्टाचार के ख़ात्मे में सहायक होगा, लेकिन सरकार इसे लेकर गंभीर नहीं है. उन्होंने युवाओं से अपील किया कि वे अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हों, क्योंकि अब निर्णायक लड़ाई जनता को ही लड़नी पड़ेगी, क्योंकि मौजूदा राजनेताओं ने लोकतंत्र को मजाक बना दिया है. जनता के बीच से अन्ना हज़ारे जैसे लोग अवाम के अधिकारों की बात करते हैं, तो सरकार उस पर ध्यान नहीं देती. ऐसा करने में राजनेता इसलिए सफल हो रहे हैं कि जनता जागरूक नहीं है. संतोष भारतीय के अनुसार, अब देश को राजनेताओं के हवाले छोड़ना ठीक नहीं है. अगर राजनीतिक दलों के नेता जनविरोधी कार्य कार्य करेंगे, तो उन्हें चौतरफा विरोध का सामना करना पड़ेगा.