2 April Press Release

प्रेस विज्ञप्ति

जनतंत्र यात्रा क्रम में समाजसेवी अन्ना हज़ारे, पूर्व सैन्य प्रमुख जनरल वीके सिंह, वर्ल्ड सूफ़ी काउंसिल के चेयरमैन मौलाना सूफ़ी जिलानी कत्ताल और चौथी दुनिया के प्रधान संपादक संतोष भारतीय हुसैनीवाला स्थित अमर शहीद भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव की समाधि पर श्रद्धांजलि देने पहुंचे.
शहीद-ए-आज़म भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव की समाधि पर अन्ना हज़ारे अत्यंत भावुक हो गए और वे विलख-विलखकर रोने लगे. यह भावुक दृश्य देखकर जनतंत्र यात्रा में शामिल हज़ारों लोग और स्थानीय नागरिकों की आंखें नम हो गईं. अन्ना हज़ारे ने हुसैनीवाला जाकर अमर शहीदों की समाधि पर श्रद्धासुमन अर्पित किए. इस दौरान पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि वे देशभक्तों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाने देंगे. अन्ना के मुताबिक़, देश में जिस तरह भ्रष्टाचार बढ़ रहा है, उससे आम लोगों के जीवन में कठिनाइयां और ज्यादा बढ़ती जा रही हैं. देश में ग़रीबों के साथ अन्याय बढ़ता जा रहा है. किसानों से उनकी ज़मीनें छीनी जा रही हैं और खनिज-संपदाओं की चौतरफा लूट मची हुई है. उन्होंने अफ़सोस ज़ाहिर करते हुए कहा कि इसे देखकर ऐसा लगता है कि शहीदों का बलिदान बेकार चला गया.
ग़ौरतलब है कि अन्ना की अगुआई में चल रहे इस जनतंत्र यात्रा में हज़ारों की संख्या में लोग शामिल हो रहे हैं. हुसैनीवाला के बाद अन्ना हज़ारे, पूर्व सैन्य प्रमुख जनरल वीके सिंह, वर्ल्ड सूफ़ी काउंसिल के चेयरमैन मौलाना सूफ़ी जिलानी और चौथी दुनिया के प्रधान संपादक संतोष भारतीय फ़रीदकोट स्थित दरगाह पर जियारत करने पहुंचे. अन्ना के मुताबिक़ भारत साधु, संतों और दरवेशों की भूमि है. देश और समाज के कल्याण के लिए इन सूफ़ी संतों ने तत्कालीन बादशाहों की भी मुख़ालफ़त की थी. फ़रीदकोट के बाद समाजसेवी अन्ना हज़ारे जनतंत्र यात्रियों के साथ जैतो पहुंचे और यहां उन्होंने एक जनसभा को संबोधित किया. अन्ना ने लोगों का आह्वान किया कि वे भ्रष्ट सरकारों को अब और बर्दाश्त नहीं करें. उन्होंने लोगों से अपील किया कि जनता अपनी शक्तियों को पहचानें और सरकार को इस बात का अहसास कराएं कि लोकतंत्र में जनता ही असली मालिक है. अन्ना हज़ारे ने केंद्र सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार सश्कत जनलोकपाल क़ानून पारित नहीं करेगी, तो उसे हर हाल में जाना ही होगा.

 

वहीं इस मौक़े पर पूर्व सैन्य प्रमुख जनरल वीके सिंह ने कहा कि मौजूदा केंद्र सरकार पूरी तरह जनविरोधी है, उसे ग़रीब जनता, किसान, मज़दूरों और युवाओं के भविष्य की कोई चिंता नहीं है. जनतंत्र यात्रा में शामिल वर्ल्ड सूफ़ी काउंसिल के चेयरमैन मौलाना सूफ़ी जिलानी कत्ताल ने कहा कि केंद्र सरकार की नीयत में खोट है, इसीलिए वह जन लोकपाल विधेयक पर टाल-मटोल की नीति अपना रही है.