संगठन कैसे बनाएं


जनतंत्र मोर्चा
संगठन कैसे बनाएं

जनतंत्र मोर्चा संघर्ष का संगठन है. जनतंत्र मोर्चा सम्पूर्ण परिवर्तन के लिए लड़ने वालों का संगठन है. जनतंत्र मोर्चा उनका संगठन है, जो इस देश में जनता की सत्ता चाहते हैं, जो संविधान को सौ प्रतिशत लागू करना चाहते हैं.  जनतंत्र मोर्चा का नीति संबंधी मसौदा ऐसा मसौदा है, जो जनता की आज की स्थिति को पूरी तरह बदलने का रास्ता दिखाता है. जनतंत्र मोर्चा लोकतंत्र का ऐसा प्रयोग है, जिसमें हर व्यक्ति अपनी राय, नीति और कार्यक्रम तथा समस्याओं के निदान में दे सकता है. जनतंत्र मोर्चा देश के 120 करोड़ लोगों को आपस में सीधे जोड़ने का एक नया प्रयोग है, जिसे हम लोकतंत्र का जनतांत्रिक चेहरा कह सकते हैं.

www.jantantramorcha.org  जनतंत्र मोर्चा की आधिकारिक वेबसाइट है.

इस वेबसाइट पर जनतंत्र मोर्चा के राष्ट्रीय कार्यक्रमों की घोषणा होती रहेगी. कार्यक्रम की घोषणा होते ही उसके क्रियान्वयन के कार्यक्रम के उपर अमल होगा तथा सभी लोग क्रियान्वयन में लग जाएंगे ऐसी आशा है. जो मित्र इन कार्यक्रमों को क्रियान्वित करने में जुटेंगे, वे क्रियान्वन की तस्वीरें और उनके बारे में छपी ख़बरों को जनतंत्र मोर्चा एट जीमेल डॉट कॉम jantantramorcha@gmail.com पर ईमेल करेंगे. कार्यकर्ताओं के ईमेल से पता चलेगा कि उन्होंने अपने साथ कितने लोगों को जोड़ा है और कितने लोगों को व्यवस्था परिवर्तन के लिए तैयार किया है. जनतंत्र मोर्चे का एक दफ्तर नहीं, बल्कि सैकड़ों दफ्तर होंगे. यानि जिस इकाई में काम हो रहा है, वह इकाई अपना दफ्तर खोलेगी. इसमें एक नेता नहीं सैकड़ों नेता होंगे. इसका मतलब जो अपनी इकाई को संघर्ष के कार्यक्रम करने के लिए संगठित करेगा, वह अपनी इकाई का नेता होगा. 100 लोगों की एक इकाई की अपेक्षा की जा रही है. इस व्यवस्था में देश के करोड़ों लोग व्यवस्था परिवर्तन के संघर्ष के तरीक़े पर अपनी राय सीधे अन्ना हज़ारे जी और जनरल वीके सिंह जी को दे सकेंगे. ऐसी व्यवस्था में वे सारे अवरोध दूर हो जाते हैं, जो संघर्ष को चलाने में बाधा बनते हैं, जो काम करेगा वही नेता होगा.

मुख्य संगठन :

श्री अन्ना हज़ारे जनतंत्र मोर्चे के संरक्षक हैं और श्री जनरल वीके सिंह जनतंत्र मोर्चे के अध्यक्ष हैं.

जनतंत्र मोर्चे की इकाईयां:

हर जगह गांव और मोहल्लों में जनतंत्र मोर्चे की इकाई बनेगी, यह इकाई गांव को कैसे स्वाबलंबी बनाना है, उस पर विचार करेगी. हर गांव, मोहल्लों और कॉलेजों में अलग-अलग विषयों पर समितियां बनेंगी. इन समितियों में युवाओं की भागीदारी को प्राथमिकता दी जाएगी. हर स्तर पर आर्थिक विकास के लिए, आर्थिकं समिति, सरकारी योजनाएं सही ढंग से चल रही हैं या नहीं इसके लिए निगरानी समिति, रोज़गार समिति, शिक्षा समिति, स्वास्थ्य समिति, जल समिति, कृषि समिति, सरकारी योजना अध्ययन समिति, विदेश नीति समिति, जन संसाधन विकास समिति, उद्योग समिति, कल्चरल समिति, महिला विकास समिति और कमज़ोर तबक़ों को मुख्य धारा में लाने के तरीके सुझाने वाली समिति सहित हर विषय पर समितियां बनेंगी. वंचित, दबे कुचले, अल्पसंख्यक और महिलाओं के विचारों को इन समितियों में प्राथमिकता देकर जोड़ा जाएगा. ये समितियां अपनी राय महीने में एक बार अवश्य देंगी तथा समय-समय पर इन सभी समितियों से राय भी मांगी जाएगी. पार्टिसिपेटरी लोकतंत्र का स्वरूप विकसित किया जाएगा. यह लोकतंत्र का शुद्ध स्वरूप है, जिसमें करोड़ों की हिस्सेदारी होगी.

संघर्ष चलाने के लिए संयोजन समितियां बनेंगी, लेकिन वह स्थायी नहीं होंगी, क्योंकि यह समितियां अगर संघर्ष को आगे नहीं बढ़ाती हैं, तो इनकी जगह दूसरी संयोजन समितियां बनेंगी.

जनता होगी और संघर्ष का नेता होगा, जो देश में जनतंत्र स्थापित करने के लिए समय देगा और जो वैचारिक स्तर पर प्रामाणिक होगा, वही कार्यकर्ता की भूमिका निभाएगा. जनतंत्र मोर्चे में सभी की राय का सम्मान होगा. देश की समस्‍याओं के निदान के लिए कोई भी कार्यकर्ता अपने सुझाव सीधे jantantramorcha@gmail.com पर भेज सकता है. इसकी बैठकें मुख्यत: गांव, मोहल्लों और स्कूल-कॉलेजों में होंगी. जनतंत्र मोर्चा सच्चे जनतंत्र की स्थापना के लिए जनता की आकांक्षाओं के अनुरूप देश को बदलने में अपनी सारी क्षमताओं का उपयोग करेगा.

उद्देश्यः

देश की जनता जब खड़ी हो जाएगी, तो देश में अंग्रेज़ों का क़ानून ख़त्म होगा. संविधान की आत्मा और जनता की आंकाक्षाओं के मुताबिक़ क़ानून बनेंगे. बेरोज़गारी, मंहगाई, भ्रष्टाचार, शोषण और अत्याचार ख़त्म होगा. किसान की ज़मीन कोई छीन नहीं सकेगा और खनिजों को कोई लूट नहीं सकेगा. जल, जंगल और ज़मीन पर देश का अधिकार होगा. इस व्यवस्था में समाज के सबसे कमज़ोर वर्गों और सभी वर्गों के शोषित और गरीबों को न्यायपूर्ण हिस्सेदारी मिलेगी, तथा गांव स्वायत इकाई के रूप में विकसित होंगे.

छह महीने के संघर्ष कार्यक्रम के बाद हर स्तर पर सारे देश में जनतंत्र समितियां बनाई जाएंगी, जिनका सक्रिय सदस्य वही हो सकेगा, जो छह महीने तक संघर्ष के कार्यकर्मों में लगातार हिस्सेदारी करता रहा हो या नेतृत्व करता रहा हो.

चन्दा:

जनतंत्र मोर्चे के सदस्यों से अपेक्षा की जाती है कि वे संघर्ष के कार्यक्रम चलाने के लिए नगद में चन्दा नहीं लेंगे यानि कैश ट्रांजेक्शन नहीं करेंगे. संघर्ष और आन्दोलन का ख़र्च चलाने के लिए सहयोग देने वाले व्यक्ति से सीधे पैसा, साधन देने वाले व्यक्ति या इकाई को दिला सकते हैं. दूसरे शब्दों में कैश ट्रांजेक्‍शन नहीं काइंड ट्रांजेक्शन की अपेक्षा की जाती है।

जनतंत्र मोर्चा एक ऐसे जनआंदोलन की शुरूआत है, जिसका सीधा सरोकार देश में सच्चे जनतंत्र की स्थापना, गांव को स्वशासित इकाई में बदलना और एक ऐसी राजनैतिक व्यवस्था की स्थापना करना, जिसमें संसद लोगों के प्रति सीधे तौर पर जवाबदेह हो और लोगों की आकांक्षाओं के अनुरूप चलाने वाली सरकार दे, ताकि गांव में न कोई भूखा रहे, न बेरोज़गार रहे, बल्कि सब मिलकर देश को दुनिया की सबसे शक्तिशाली ताक़त में बदल सकें. जनतंत्र मोर्चा देशभर में चल रहे आंदोलनों के बीच समन्वय की भी भूमिका निभाएगा.