Press Release 14 May

प्रख्यात समाजसेवी अन्ना हज़ारे और चौथी दुनिया के प्रधान संपादक संतोष भारतीय की अगुआई में चल रही जनतंत्र यात्रा का तीसरा चरण 14 मई मंगलवार को उत्तराखंड के ऋषिकेश से होते हुए बदकोट पहुंची.

ऋषिकेश में अन्ना हजारे ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि भ्रष्ट राजनीतिक व्यवस्था के खिलाफ अब लोगों को खड़ा होने की जरूरत है, क्योंकि राजनेताओं ने आजादी के बाद जनकल्याणकारी नीतियों को लागू करने की बजाय अपना हितसाध्य किया है. उनके मुताबिक राजनेताओं को जनता की समस्याओं से कोई मतलब नहीं है. अन्ना हजारे ने ऋषिकेश की जनता से आह्वान किया कि वे सितबंर माह के प्रथम महीने में दिल्ली जरूर आएं और जनसंसद में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें. उनके अनुसार, आजादी के साढ़े छह दशक बीत जाने के बाद भी देश की आम जनता तमाम तरह की परेशानियों से त्रस्त है, लेकिन सियासी पार्टियों को इससे कोई मतलब नहीं है.

जनसभा को संबोधित करते हुए चौथी दुनिया के प्रधान संपादक संतोष भारतीय ने कहा कि यह देश भ्रष्ट राजनेताओं के दुष्चक्र में फंस चुका है. ऐसे में अन्ना हजारे जैसे गांधीवादी समाजसेवी की ओर जनता उम्मीद भरी निगाहों से देख रही है. उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि राजनीतिक दलों ने न केवल जनता के साथ धोखा किया है, बल्कि इन्होंने संविधान को भी ठेस पहुंचाई है. उनके अनुसार, जनलोकपाल के मुद्दे पर कांग्रेस, भाजपा, बसपा, सपा और वामपंथी पार्टियों ने अंदरूनी एकजुटता दिखाते हुए इस विधेयक को पास नहीं होने दिया. इससे साफ जाहिर होता है कि मौजूदा राजनीतिक पार्टियां भ्रष्टाचार के मुद्दे पर कुछ भी नहीं करना चाहती, लेकिन उनका यह तिकड़म अब ज्यादा दिनों तक चलने वाला नहीं है. भारतीय के अनुसार, देश में महंगाई, भ्रष्टाचार और बेरोजगारी से जनता परेशान है और उसे नेताओं से नफरत होने लगी है. हालत यह है कि कई क्षेत्रों के सांसद और विधायक आक्रोशित जनता से बचते फिर रहे हैं. उन्होंने अफसोस जाहिर करते हुए कहा कि जब सांसदों और विधायकों के वेतन वृद्धि का सवाल आता है, तो सभी पार्टियां एकजुट हो जाती हैं, लेकिन बात जब जनता की आती है, तो यही राजनेता चुप्पी साध लेते हैं.