Press Release 17 May

प्रेस रिलीज

जनतंत्र यात्रा के तीसरे चरण में समाजसेवी अन्ना हज़ारे और चौथी दुनिया के प्रधान संपादक संतोष भारतीय शुक्रवार, 17 मई को उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग, कर्णप्रयाग और गोपेश्वर होते हुए गौचर पहुंचे. इन सभी जगहों पर अन्ना हजारे और संतोष भारतीय समेत समस्त जनतंत्र यात्रियों का भव्य स्वागत किया गया. रुद्रप्रयाग में हज़ारों की संख्या में उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए अन्ना ने कहा कि सशक्त जनलोकपाल के ज़रिए से ही देशव्यापी भ्रष्टाचार को ख़त्म किया जा सकता है. उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार को आम लोगों की चिंता नहीं है. उनके अनुसार, ऐसी संवेदनहीन सरकार को उखाड़ फेंकने का समय आ गया है.

कर्णप्रयाग की जनसभा को संबोधित करते हुए अन्ना हजारे ने कहा कि भ्रष्टाचार की वजह से आम लोगों की परेशानियां बढ़ती जा रही है, लेकिन केंद्र सरकार को इससे कोई लेना-देना नहीं है. उन्होंने उत्तराखंड के लोगों से आह्नान किया कि वे व्यवस्था परिवर्तन की इस लड़ाई में आगे आएं, क्योंकि यह देश भ्रष्ट नेताओं के चंगुल में फंस चुका है. ग़ौरतलब है कि अन्ना हज़ारे के नेतृत्व में हो रही जनतंत्र यात्रा में हज़ारों लोग शामिल हैं. अन्ना के हर सार्वजनिक रैलियों में लोगों की काफी भीड़ जुट रही है.

गौचर और गोपेश्वर में सार्वजनिक रैलियों को संबोधित करते हुए चौथी दुनिया के प्रधान संपादक संतोष भारतीय ने कहा कि देश की राजनीतिक पार्टियां संविधान विरोधी काम कर रही हैं. उनके मुताबिक़, देश के संविधान में पार्टी बनाने का कहीं कोई जिक्र नहीं है, लेकिन आज चारों तरफ़ पार्टियां ही नज़र आ रही हैं. उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे अन्ना के मुहिम में शामिल हों, ताकिदेश को भ्रष्टाचार और अराजकता से मुक्ति मिल सके. संतोष भारतीय ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मनमोहन सरकार की गलत नीतियों की सज़ा देश के किसानों, मज़दूरों, छात्रों और नौजवानों को भुगतनी पड़ रही है. भ्रष्टाचार की वजह से आम जनता का जीना दुश्वार हो गया है, लेकिन केंद्र सरकार इस समस्या को ख़त्म करने की बजाय उसमें खाद-पानी देने का काम कर रही है. यही वजह है कि केंद्र सरकार सशक्त जन लोकपाल विधेयक पारित करने की बजाय उसे ठंडे बस्ते में रखना चाहती है.

उल्लेखनीय है कि समाजसेवी अन्ना हज़ारे की अगुआई में चल रही इस जनतंत्र यात्रा में लोगों की काफी भीड़ देखी जा रही है.