Press Release 8 April

                                प्रेस रिलीज

8 मई,2013

गांधीवादी समाजसेवी अन्ना हज़ारे, वर्ल्ड सूफ़ी काउंसिल के चेयरमैन सूफ़ी जिलानी और चौथी दुनिया के प्रधान संपादक संतोष भारतीय की अगुआई में चल रही जनतंत्र यात्रा 8 मई बुधवार को जोधपुर से होते हुए ब्यावर पहुंची. ब्यावर पहुंचने से पहले अन्ना जैतारण स्थित पावन धाम जैतारण भी पहुंचे. इस मौक़े पर जैन मुनियों ने उनका भव्य स्वागत किया. यहां अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि उनकी जनतंत्र यात्रा देश में व्यवस्था परिवर्तन के लिए हो रही है. अन्ना के मुताबिक, आज़ादी के साढ़े छह दशक बीत जाने के बाद भी देश की आम जनता की परेशानियां कम नहीं हुई है. छात्र, नौजवान, किसान और मज़दूरों की हालत तो सर्वाधिक ख़राब है. ऐसे में जनता को चाहिए कि वे अपने अधिकारों को पहचाने और भ्रष्ट राजनेताओं और उनकी पार्टियों का बहिष्कार करें, क्योंकि दलीय व्यवस्था से सिर्फ और सिर्फ नेताओं को फायदा हुआ है, लेकिन जनता को कुछ भी लाभ नहीं हुआ.

पावन धाम (जैतारण) से शाम चार बजे अन्ना ब्यावर की ओर रवाना हुए. इस दौरान कई जगहों पर लोगों ने उनका भव्य स्वागत किया. शाम छह बजे अन्ना हजारे ब्यावर की सीमा में दाखिल हुए. ब्यावर में लोगों का अपार जनसमूह उनके स्वागत में सड़कों पर उतर आया. ब्यावर स्थित सुभाष पार्क जाने में अन्ना को करीब दो घंटे लग गए, क्योंकि पूरे शहर में लोगों का हुजूम उनके स्वागत में उमड़ पड़ा था. छात्र-नौजवान, औरत, मर्द और बच्चे सभी अन्ना हजारे के ऊपर फूलों की बरसात कर रहे थे. शहर के जिस रास्ते से होकर अन्ना हज़ारे रैली स्थल पर पहुंचे, वहां की सड़कों पर चारों-तरफ फूलों की पंखुडियां बिखरी पड़ी थी, जो यह बताने के लिए काफ़ी था कि अन्ना हज़ारे जैसे गांधीवादी समाजसेवी लोगों के हृदय में वास करते हैं.

ब्यावर स्थित सुभाष पार्क में जैसे ही अन्ना हज़ारे, सूफी जिलानी और संतोष भारतीय पहुंचे वैसे ही लोगों ने अन्ना तुम संघर्ष करो, हम तुम्हारे साथ हैं, जैसे गगनभेदी नारे लगने शुरू हो गए. जनसभा को संबोधित करते हुए संतोष भारतीय ने कहा कि अन्ना की यह यात्रा देश में व्यवस्था परिवर्तन के लिए हो रही है. इसलिए छात्र-नौजवानों को चाहिए कि वे अन्ना हजारे का साथ दें. उनके अनुसार, मौजूदा केंद्र सरकार पूरी तरह जनविरोधी है, क्योंकि उसे देश की आम जनता की समस्य़ाओं से कोई सरकोर नहीं रह गया है.

जनसभा को संबोधित करते हुए वर्ल्ड सूफ़ी काउंसिल के चेयरमैन सूफ़ी जिलानी ने कहा कि कभी सोने की चिड़िया कहा जाने वाला यह मुल्क भ्रष्ट नेताओं की गिरफ्त में फंस चुका है. सरकार चाहे केंद्र की हो राज्य की उसे अवाम की कोई चिंता नहीं है. ऐसे में अन्ना हज़ारे जैसा यह शख्स जनता की दुख और तकलीफ को दूर करने के लिए जनतंत्र यात्रा कर रहे हैं. लिहाजा आम अवाम को भी चाहिए कि वे अन्ना का खुलकर समर्थन करें. ब्यावर की जनसभा को संबोधित करते हुए अन्ना ने कहा कि इस देश को जितना अंग्रेजों ने नहीं लूटा, उतना हमारे नेताओं ने लूटा है. उनके अनुसार, लोकतंत्र में जनता ही असली मालिक है और राजनेता जनता के सेवक, लेकिन देश में ठीक इसके उलट हो रहा है. उनके मुताबिक, भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए सशक्त जनलोकपाल का होना बेहद जरूरी है, लेकिन सभी पार्टियों के नेता इस मुद्दे पर बहानाबाज़ी कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें डर है कि अगर यह क़ानून बन जाता है, तो उनकी जगह संसद में नहीं, बल्कि तिहाड़ जेल में होगी. अन्ना ने हुंकार भरते हुए कहा कि सितंबर के महीने में दिल्ली स्थित रामलीला मैदान में जनसंसद का आयोजन किया जाएगा, जिसमें देशभर से लोग आएंगे. यह जनसंसद भ्रष्ट सरकारों और नेताओं के लिए एक चेतावनी होगी. उल्लेखनीय है कि अन्ना हजारे को सुनने और देखने के लिए सुभाष पार्क में हजारों लोगों की भीड़ जमा थी.