Press Release 9 April

                                प्रेस रिलीज

9 मई,2013

समाजसेवी अन्ना हज़ारे, वर्ल्ड सूफ़ी काउंसिल के चेयरमैन सूफ़ी जिलानी और चौथी दुनिया के प्रधान संपादक संतोष भारतीय के नेतृत्व में चल रही जनतंत्र यात्रा 9 मई गुरुवार को ब्यावर से होते हुए भीलवाड़ा पहुंची. इससे पहले अन्ना हज़ारे राजसमंद स्थित गायत्री पीठ के सभागार में लोगों को संबोधित किया. अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि आज़ादी की दूसरी लड़ाई लड़ने का वक्त आ गया है, क्योंकि पिछले 65 वर्षों में नेताओं ने देश की बेहतरी की बजाय अपना हित किया है. आम आदमी महंगाई, भ्रष्टाचार, बेरोज़गारी से परेशान है, लेकिन उसकी सुनने वाला कोई नहीं है. अन्ना ने इस मौके पर लोगों से आह्वान किया कि वे अपनी क्षमता को पहचाने और देश के दुश्मनों को सबक सिखाएं. वहीं इस मौके पर सूफी जिलानी ने कहा कि अन्ना हजारे सही मायनों में एक संत हैं, जिन्हें न तो दौलत कमाने की फिक्र है और न ही आरामदायक ज़िदगी जीने की लालसा. अन्ना को अगर लालसा है, तो मुल्क की भलाई करने का, जो वे निरंतर कर रहे हैं.

वहीं संतोष भारतीय ने अपने संबोधन में कहा कि हिंदुस्तान की जनता को अन्ना हज़ारे में एक उम्मीद दिख रही है, क्योंकि आज़ादी के साढ़े छह दशक बीत जाने के बाद भी जनता की मुश्किलात कम नहीं हुई हैं. उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार को आम अवाम की कोई फिक्र नहीं है. ऐसे में भ्रष्ट सरकारों के खिलाफ देश के नौजवानों को आगे आना चाहिए.

शाम छह बजे अन्ना हजारे अपने जनतंत्र यात्रियों के साथ भीलवाड़ा पहुंचे. नगर में प्रवेश करते ही उनके सम्मान में ढोल-नगाड़े बजने लगे. उनकी एक झलक पाने के लिए लोग अपने घरों से बाहर निकल आए. बाज़ार में दुकानें बेशक खुली हुई थी, लेकिन दुकानदार ग्राहकों को छोड़ अन्ना हज़ारे को देखने आज़ाद चौक पहुंचे गए. शहर के मुख्य बाजार से होते हुए अन्ना सभा स्थल पर पहुंचे. सड़क के दोनों ओर लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई. इस वजह से थोड़ी देर के लिए कई जगहों पर ट्रैफिक जाम हो गया. रैली स्थल पर अन्ना हजारे, संतोष भारतीय और सूफी जिलानी के पहुंचते ही लोगों ने उनके समर्थन में नारे बाज़ी शुरु कर दी. पूरा मैदान अन्ना प्रेमियों से भरा हुआ था. सभा को संबोधित करते हुए संतोष भारतीय ने कहा कि मेवाड़ की यह धरती महाराणा प्रताप, मीराबाई और पन्ना धाय की जन्मभूमि रही है, इसलिए मैं इस पवित्र धरती को प्रणाम करता हूं. भारतीय ने अन्ना हजारे की इस जनतंत्र यात्रा को व्यवस्था परिवर्तन के लिए बेहद महत्वपूर्ण बताया. उनके अनुसार, जब देश नाजुक दौर से गुजर रहा हो, तो उस वक्त हाथ पर हाथ धरे नहीं बैठना चाहिए, बल्कि मुल्क को इससे निजात दिलाने के लिए सामूहिक प्रयास करना चाहिए. जनसभा को संबोधित करते हुए सूफी जुलानी ने कहा कि अन्ना हजारे जैसे लोग कभी-कभार ही जन्म लेते हैं, लेकिन वे कुछ ऐसा काम कर जाते हैं कि लोग उन्हें हमेशा याद करते हैं. जिलानी के मुताबिक, हिंदुस्तान में आम आदमी के बारे में नेताओं ने सोचना बंद कर दिया है, इसलिए जनता अपनी तकलीफो की वजह से त्राहि-त्राहि कर रही है. उन्होंने सितंबर महीने में दिल्ली में होने वाले जनसंसद के बारे में कहा कि यह कार्यक्रम केंद्र सरकार और राज्यों की भ्रष्ट सरकारों के लिए एक चुनौती है. उनके अनुसार, देश के युवाओं को चाहिए कि वे अन्ना हजारे की नीतियों और उनकी विचारधारा को आत्मसात करें.